Sunday, March 13, 2016

सफ़रनामा ज़िन्दगी का।:- सफ़र Apple के संस्थापक स्टीव जॉब्स की ज़िन्दगी का। कुंवारी माँ के बेटे थे स्टीव जॉब। माँ ने दूसरे को गोद दे दिया था।

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  गूगल को पछाड़ एप्पल बना सबसे बड़ा ब्रांड

गूगल की चार साल की बादशाहत टूट गई है. एप्पल उसे पीछे धकेलते हुए दुनिया का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है. आईपैड और आईफोन के दम पर एप्पल पूरी दुनिया में छा गया है. गूगल का तिलिस्म दूसरे क्षेत्रों में भी टूट रहा है.

ग्लोबल ब्रांड एजेंसी मिलवर्ड ब्राउन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में एप्पल को गूगल से आगे बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल की ब्रांड वैल्यू 153 अरब डॉलर की हो गई है. उन्होंने दुनिया के 100 सबसे बड़े ब्रांड पर रिसर्च की है. एप्पल की यह लगातार दूसरी बड़ी कामयाबी है. पिछले साल माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ते हुए वह सबसे मूल्यवान तकनीकी कंपनी बन चुका है.

मिलवर्ड ब्राउन के ग्लोबल ब्रांड डायरेक्टर पीटर वेल्श ने कहा कि एप्पल जिस तरह से लोगों को अपनी तरफ खींचता है और इसके उत्पादों ने जिस तरह से बाजार के दूसरे उत्पादों से बिलकुल अलग अपनी जगह बना ली है, उसकी वजह से ही इसने यह रुतबा पाया है.

वेल्श ने कहा, "कीमत के मामलों में भी एप्पल नियमों को तोड़ रहा है. यह वैसा कर रहा है, जैसा लक्जरी ब्रांड किया करते हैं. ज्यादा कीमत होती है, तो ब्रांड बड़ा माना जाता है और इसे पाने की चाहत भी बड़ी हो जाती है. जाहिर है, इससे बड़े उत्पादों का बोध होता है और एप्पल यह करने में सफल हो पाया है."

जिन 100 बड़े ब्रांडों के नाम तय किए गए, उनमें टॉप 10 में छह तकनीकी कंपनियां हैं. दूसरे नंबर पर गूगल, तीसरे पर आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट पांचवें, एटी एंड टी सातवें और चाइना मोबाइल नौवें नंबर पर है.

फास्ट फूड क्षेत्र की बड़ी कंपनी मैकडोनाल्ड ने दो पायदान की छलांग लगाते हुए चौथा नंबर हासिल कर लिया है, जबकि कोका कोला छठे नंबर पर फिसल गया है. सिगरेट कंपनी मार्लबोरो आठवें नंबर पर और जनरल इलेक्ट्रिक्स (जीई) 10वें नंबर पर आ गया है.

वाल्श ने कहा कि चीन से मांग लगातार बढऩे से फास्ट फूड के ब्रांड तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि "चीन के लोग फास्ट फूड को पहचान रहे हैं और वह एक विशाल बाजार है. स्टारबक्स, मैकडोनाल्ड, पिज्जा .. ये सब चीन में रच बस रहे हैं."

इंटरनेट की महाशक्ति बन कर उभर रहे फेसबुक ने धूम धड़ाके के साथ 100 नामी ब्रांड में प्रवेश किया है. उसने सीधा 35वां स्थान हासिल किया है और उसके ब्रांड की कीमत 19.1 अरब डॉलर आंकी गई है. फेसबुक गूगल को भी बड़ी चुनौती दे रहा है और जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में वह गूगल से आगे निकल सकता है. चीनी सर्च इंजन बाइदू ने 46 स्थान से छलांग लगाते हुए 29वां नंबर हासिल किया है.

टोयोटा दुनिया का सबसे बड़ा कार ब्रांड बन गया है. दुनिया के 100 सबसे बड़े ब्रांड की कीमत 204 अरब डॉलर आंकी गई है.

यह कंपनी बनाएगी दुनिया का सबसे बड़ा और बेहतरीन ऑफिस

जी हां, यह कंपनी अपने फील्ड की न केवल नंबर वन कंपनी है बल्कि बनाने जा रही है दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस जो हर दृष्टि से परिपूर्ण होगा और जिसमें तमाम मॉडर्न सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

हम बात कर रहे हैं आई फोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ऐप्पल की जिसके सीईओ स्टीव जॉब्स ने एक अद्वितीय ऑफिस की कल्पना को साकार करन की योजना तैयार कर ली है। जॉब्स ने इस शानदार और विशालकाय ऑफिस की प्लानिंग तैयार कर ली है और वह इस पर काम भी कर रहे हैं।

ऐप्पल का ऑफिस क्युपरटिनो में है। यह शहर सैंट क्लारा काउंटी में है जो कैलिफोर्निया में आता है। यहां दुनिया की यह सबसे धनी कंपनी अपना कार्यालय बनाए बैठी है। लेकिन समस्या है कि उसके मुख्यालय में 13,000 कर्मचारी हैं लेकिन वहां बैठ सकते हैं महज दो-ढाई हजार लोग। बाकी लोग किराये के ऑफिसों में बैठते हैं। इसलिए स्टीव जॉब्स ने तय किया कि वह एक ऐसा ऑफिस बनवाएंगे जिसमें पूरे कर्मचारी आ सकें।

यह बिल्डिंग किसी उडऩ तश्तरी की तरह होगा और इसके चारों ओर पेड़ लगाए जाएंगे ताकि यह हरा भरा दिखे। इसमें सारी पार्किंग अंडरग्राउंड होगी और विशालकाय कैफेटेरिया भी होगा। दिलचस्प बात यह है कि यह गगनचुंबी इमारत नहीं होगी बल्कि महज चार मंजिला इमारत होगी। इसे दिन रात रोशन रखने के लिए कंपनी खुद बिजली पैदा करेगी।

ऐप्पल ने इस बिल्डिंग के निर्माण में सहयोग देने के लिए दुनिया के बेहतरीन आर्किटेक्टों की सेवाएं लेने का फैसला किया है और वे काम करना शुरू कर चुके हैं।

कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन बनानी वाली कंपनी एपल के सीईओ और जाने-माने अमेरिकी उद्योगपति स्टीव जॉब्स ने संघर्ष करके जीवन में यह मुकाम हासिल किया है। कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में पैदा हुए स्टीव को पाउल और कालरा जॉब्स ने गोद लिया था। जॉब्स ने कैलिफोर्निया में ही पढ़ाई की।

उस समय उनके पास ज्यादा पैसे नहीं होते थे और वे अपनी इस आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए गर्मियों की छुट्टियों में काम किया करते थे।

1972 में जॉब्स ने पोर्टलैंड के रीड कॉलेज से ग्रेजुएशन की। पढ़ाई के दौरान उनको अपने दोस्त के कमरे में जमीन पर सोना पड़ा। वे कोक की बोतल बेचकर खाने के लिए पैसे जुटाते थे और पास ही के कृष्ण मंदिर से सप्ताह में एक बार मिलने वाला मुफ्त भोजन भी करते थे। आज जॉब्स के पास करीब 5.1 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और वे अमेरिका के 43वें सबसे धनी व्यक्ति हैं। जॉब्स को कंप्यूटर से लेकर पार्टेबल डिवाइसिस के 230 से अधिक एप्लिकेशन के इनवेंटर या को-इनवेंटर के तौर पर जाना जाता है। 2004 के बाद से यदि कंपनी की प्रगति को आंकड़ों में देखें तो पता चलता है कि एप्पल की कमाई वर्षानुवर्ष आधार पर 134 फीसदी बढ़ी है। इस बारे में एक अद्भुत तथ्य यह है कि जब महामंदी का दौर था यानी अर्थव्यवस्था के बुरी तरह से ध्वस्त होने का समय था तब भी 2009 में एप्पल की शुद्ध आय में 35 फीसदी का इजाफा हुआ था और 2010 में कंपनी की शुद्ध आय 70 फीसदी बढ़ी। जॉब्स ने आध्यात्मिक ज्ञान के लिए भारत की यात्रा की और बौद्ध धर्म को अपनाया। जॉब्स ने 1991 में लोरेन पॉवेल से शादी की। उनका एक बेटा है।

स्मार्टेस्ट सीईओ का स्मार्ट मंत्र- भूखे रहो, मूर्ख रहो

जानी मानी बिजनेस मैगजीन फॉरच्यून ने हाल में आईटी कंपनी ऐपल के सीईओ स्टीव जॉब्स को टेक्नॉलजी फील्ड के 50 स्मार्ट पीपुल में नंबर एक खिताब से नवाजा है। जॉब्स की इस उपलब्धि के पीछे एक लंबी दास्तां है। आइए जानते हैं स्टीव जॉब्स के जीवन के कुछ ऐसे अनछुए पहलुओं के बारे में, जो आपको न सिर्फ चौंकाएंगे बल्कि प्रेरणा भी देंगे।

स्टीव जॉब्स के जन्म के वक्त उनकी मां कुंवारी थीं। इसलिए उन्होंने तय किया था कि वह उन्हें ऐसे कपल को गोद देंगी, जो ग्रैजुएट हो। उनकी मां ने ऐसा कपल ढूंढ भी लिया, पर जब स्टीव का जन्म हुआ, तो उस कपल ने उसे गोद लेने से मना कर दिया, क्योंकि वह लड़की अडॉप्ट करना चाहते थे। फिर एक दूसरा कपल ढूंढा गया, उसे गोद देने की पूरी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन इस दौरान स्टीव की मां को पता चला कि वह कपल ग्रैजुएट नहीं है तो उन्होंने गोद देने से मना कर दिया। अंत में स्टीव को इस शर्त पर गोद दिया गया कि उन्हें कॉलेज जरूर भेजा जाएगा।

17 साल की उम्र में स्टीव कॉलेज गए, लेकिन 6 महीने बाद ही उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। एक तो कॉलेज की फीस में उनके पैरंट्स का बहुत पैसा लग रहा था, दूसरे स्टीव को लग रहा था कि कॉलेज की पढ़ाई से उन्हें क्या फायदा होगा। इन मुश्किल भरे दिनों में स्टीव के पास सोने के लिये कमरा भी नहीं था, वह दोस्तों के कमरे में जमीन पर सोते थे। वह कोक की बोतलों को जमा कर बेचते थे, ताकि उनके खाने का इंतजाम हो सके। वह संडे को सात मील चलकर हरे कृष्णा मन्दिर जाते थे, क्योंकि वहां अच्छा खाना मिल जाता था। इस दौरान जॉब्स ने रीड कालेज से कैलीग्राफी (लिपि/अक्षर बनाने की कला) सीखी। लेकिन उस वक्त उस आर्ट का वह कोई खास प्रयोग नहीं कर पाए। 10 साल बाद जब उन्होंने पहला कंप्यूटर मैकिंतोश बनाया, तो यह आर्ट बहुत काम आई। स्टीव कहते हैं कि यदि कॉलेज नहीं छोड़ता, तो यह अद्भुत आर्ट कभी नहीं सीख पाता।

स्टीव ने अपने पैरंट्स के गैरेज में 'ऐपल' की शुरूआत की। उस समय उनकी उम्र 20 साल थी। 10 साल में ऐपल, गैरेज में काम करने वाले दो लोगों से बढकर दो बिलियन डॉलर और 4000 कर्मचारियों वाली कंपनी बन गई। लेकिन फिर स्टीव को उन्हीं की कंपनी से बाहर कर दिया गया। लेकिन धुन के पक्के स्टीव ने अगले पांच सालों में एक कंपनी नेक्स्ट शुरू की और कुछ समय बाद नेक्स्ट को भी एक मुकाम तक पहुंचा दिया। उन्होंने एक और कम्पनी पिक्सार भी शुरू की। पिक्सार ने विश्व की सबसे पहली कंप्यूटर द्वारा बनी एनीमेशन फीचर फिल्म टॉय स्टोरीज् बनाई। आज पिक्सार विश्व का सबसे सफल एनीमेशन स्टूडियो है। हर बात में पॉजिटिविटी ढूंढ लेने वाले स्टीव कहते है, मुझे पूरा विश्वास है कि यदि मुझे ऐपल से निकाला नहीं गया होता तो ये सब कुछ नहीं होता। स्टीव के संघर्ष की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अचानक एक दिन उन्हें पता चला कि उन्हें पित्ताशय का कैंसर है, डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया, लेकिन बाद में एक टेस्टिंग के दौरान डॉक्टर्स ने पाया कि उनका इलाज हो सकता है।

अपनी कामयाबी का राज बताते हुए स्टीव कहते हैं कि जब वह जवान थे, उस वक्त होल अर्थ कैटेलॉग प्रकाशित होता था, जो उस पीढ़ी के लिए बाइबिल था। उसे गूगल का पेपरबैक अंक कहा जा सकता है। उसके अंतिम प्रकाशन में अंत में 'भूखे रहो, मूर्ख रहो' लिखा हुआ था, जिसका मतलब था कि ज्ञान के लिए हमेशा लालायित रहो। बस यही वाक्य स्टीव के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण बन गया। बौद्ध धर्म के अनुयायी स्टीव बेहतर प्रेजेंटर भी हैं। उनकी प्रेजेंटेशन में लोगों को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता है।

भूखे रहो, मूर्ख रहो – स्टीव जॉब्स

ये हैं कंप्यूटर गुरू स्टीव जॉब्स. एप्पल कंप्यूटर और पिक्सार एनिमेशन स्टूडियोज़ के प्रमुख. मौक़ा है स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का. दिन रविवार. तारीख़ 12 जून 2005.

मुख्य वक्ता स्टीव जॉब्स ने छात्रों को जो कुछ बताया वह जीवन को सच्ची जीवटता से जीने की सही मिसाल है. इससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं – बहुत कुछ.

इस विद्यापीठ के, जिसे विश्व के सर्वोत्तम विद्यापीठों में से एक माना जाता है, दीक्षान्त समारोह में शामिल होकर मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. मैंने किसी महाविद्यालय से उपाधि नहीं ली है. सच्चाई यह है कि मैं यहां पर आज मौजूद हूं यह महाविद्यालय और उपाधि से मेरी सबसे ज्यादा निकटता है. आज मैं आपको अपनी जिन्दगी से जुड़ी तीन कहानियाँ सुनाने जा रहा हूं. बस वही. कोई बड़ी बात नहीं, सिर्फ तीन कहानियां.

पहली कहानी है बिन्दुओं को मिलाने के बारे में.

मैंने रीड कालेज पहले 6 महीने में ही छोड़ दिया था, लेकिन मैं वहां पर अगले 18 महीने और रहा. उसके बाद मैंने कालेज सही अर्थों में छोड़ दिया. मैंने कालेज क्यों छोड़ा ?

दरअसल इसकी नींव तो मेरे जन्म लेने से पहले से रखी जा चुकी थी . मेरी जन्मदात्री जवान कुंवारी मां कालेज स्नातक छात्रा थी. उसने मुझे किसी को गोद देने का निश्चय किया था. उसकी मजबूत सोच थी कि मुझे किसी कालेज स्नातक माता पिता को ही गोद लेना चाहिए. इस लिये एक वकील और उसकी पत्नी मुझे गोद लेने के लिये तैयार थे, लेकिन जब मेरा जन्म हुआ तब उन्होंने आखिरी क्षणों में लड़की गोद लेना निश्चय किया. अब मेरे पालक जो प्रतीक्षा सूची में थे को आधी रात में फोन कर के पूछा गया "अप्रत्याशित रूप से हमारे पास एक बालक शिशु है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे ?" उनका जवाब हां में ही था. मेरी जन्मदात्री मां को बाद में जब पता चला कि मेरी मां और पिता ने किसी कालेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त नहीं की है, गोद लेने के कागज़़ातों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. मेरे माता पिता के मुझे कालेज भेजने के आश्वासन देने बाद मेरी जन्मदात्री मां किसी तरह से हस्ताक्षर करने को तैयार हुई.

और, इस तरह 17 साल बाद मैं कालेज गया. लेकिन मैंने जो कालेज चुना था वह स्टैनफोर्ड के जैसा ही महंगा कालेज था. मेरे माता पिता की सारी कमाई मेरी फीस में चली जाती थी. 6 महीनों के बाद मैंने महसूस किया कि इस कालेज शिक्षा का कोई लाभ मेरे लिए नहीं है. मुझे नहीं मालूम था कि मैं जिन्दगी में क्या करना चाहता हूँ, और मेरे कालेज की शिक्षा इसमें क्या मदद करने वाली है. और मैं उस कालेज शिक्षा पर अपने माता पिता की सारी जिंदगी की कमाई खर्च कर रहा था. तब मैंने कालेज छोडऩे का निश्चय किया और विश्वास किया कि इससे सब कुछ ठीक हो जायेगा, यह एक डरावना निर्णय था, लेकिन जब आज मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो सोचता हूँ कि वह निर्णय मेरे द्वारा लिये गये सर्वोत्तम निर्णयों में से एक है. जिस क्षण मैंने कालेज छोड़ा, मैंने अरुचिकर कक्षाओं में जाना बन्द कर दिया और रुचिकर कक्षाओं में जाना कम कर दिया.

यह सब अच्छा (रोमांटिक) नहीं था. मेरे पास सोने के लिये कमरा नहीं था, मैं दोस्तों के कमरे में जमीन पर सोता था. मैं कोक की बोतलों को जमा कर वापस करता था जिससे मुझे हर बोतल पर 5 सेंट मिलते थे, इन पैसों से मैं खाना खरीदता था. हर रविवार मैं 7 मील चलकर हरे कृष्णा मन्दिर अच्छा खाना खाने जाता था. मुझे यह सब अच्छा लगता था. मेरी जिज्ञासा और अंतरात्मा को लेकर मेरा संघर्ष बाद में अमूल्य साबित हुआ. मैं आपको एक उदाहरण देता हूँ

रीड कालेज उस समय कैलीग्राफी (लिपि/अक्षर बनाने की कला) का सबसे अच्छा शिक्षण देता था. पूरे कैम्पस में हर पोस्टर , दराजों पर लिखे गये नाम बहुत ही सुंदरता से लिखे गये थे. मैं कालेज छोड़ चुका था और मुझे सामान्य कक्षाएँ नहीं करनी होती थी, मैंने कैलीग्राफी की कक्षाएँ करने का निश्चय किया. मैंने शेरीफ और सैन्स शेरीफ टाईप फ़ेस सीखा, विभिन्न तरह के अक्षरों के बीच की कम ज्यादा जगह छोडऩे के बारे में सीखा, मैंने सीखा कि क्या है जो किसी टाइपोग्राफी को अच्छा बनाती है. यह एक सुंदर , ऐतिहासिक, कला है, जो विज्ञान नहीं सिखा सकता, और मुझे मनोरंजक लगा.

इसमें से कुछ भी मेरी जीवन में काम आएगा ऐसी उम्मीद नहीं थी. लेकिन 10 साल बाद जब हम पहला मैकिंतोश बना रहे थे, यह सब मुझे याद आया. और यह सब हमने मैक में डाला. वह पहला कम्पयूटर था जिसके अक्षर सुंदर थे. यदि मैंने कालेज नहीं छोड़ा होता तो मैक के पास विभिन्न चौड़ाई और दो अक्षरों के बीच भिन्न-भिन्न खाली जगह वाले फ़ॉन्ट नहीं होते . और जिस तरह विन्डोज ने मैक की नकल की, यह संभावना है कि किसी भी निजी कम्प्यूटर में ये नहीं होता. यदि मैंने कालेज नहीं छोड़ा होता तो मैंने कैलीग्राफी की कक्षा नहीं की होती और निजी कम्प्यूटर में सुन्दर टाइपोग्राफी नहीं होती. हां मेरे कालेज में रहते हुए बिन्दुओं को सामने की ओर जोडऩा असंभव था, लेकिन दस साल बाद ये आसान है.
फिर से आप बिन्दुओं को आगे की तरफ नहीं जोड़ सकते, आप उन्हें पीछे की ओर देखते हुए ही जोड़ सकते हैं. आपको भरोसा करना होगा कि ये सभी बिंदु भविष्य में जुड़ जाएंगे. आपको अपनी शक्ति, भाग्य, जीवन, कर्म वगैरह पर भरोसा करना होगा. मेरी इस शैली ने मुझे कभी नीचा नहीं दिखाया है और इसी ने मेरा जीवन कुछ हट कर बनाया है.

मेरी दूसरी कहानी है प्यार और नुकसान के बारे में

मैं भाग्यशाली था. मैंने जिन्दगी की शुरूआत में जान लिया था कि मुझे किससे प्यार है. वाझ और मैंने अपने मातापिता के गैरेज में "एप्प्ल" की शुरूआत की, जब मैं 20 साल का था. हमने कड़ी मेहनत की और 10 साल में एप्प्ल गैरेज में काम करने वाले हम 2 लोगों से बढकर 2 बिलियन डॉलर और 4000 कर्मचारियों वाली कंपनी बन चुका था. एक साल पहले हम अपनी सबसे खूबसूरत कृति मैकिंतोश को बाजार में उतार चुके थे, और मैं 30 साल का हो चुका था. और तब मुझे एप्प्ल से निकाल दिया गया ! आप उस कम्पनी से कैसे निकाले जा सकते हैं जिसकी स्थापना आपने की थी ? अच्छा, जैसे-जैसे एप्पल बढने लगा था, हम लोगों ने कुछ ऐसे लोगों को नौकरी दी थी जिनके बारे में मैं सोचता था कि वे मेरे साथ कंपनी चलाने में प्रतिभाशाली साबित होंगे. और पहला साल अच्छा गया. लेकिन उसके बाद हमारी भविष्य की सोचों में अंतर आने लगा और हम अलग होने लगे. जब ऐसा हुआ तब कंपनी के निदेशक मंडल ने उनका साथ दिया. तो 30 साल की उमर में मैं बाहर था. मेरी संपूर्ण वयस्क जिन्दगी का केन्द्र जा चुका था और ये दिल तोड़ देने वाला था.

अगले कुछ महीनों तक मुझे नहीं मालूम था कि क्या करना चाहिए. मुझे महसूस होता था कि मैंने पिछली पीढ़ी के व्यावसायिकों को नीचा दिखाया है. मुझे दिया गया 'बेटन' मैंने नीचे गिरा दिया है. मैं डेविड पैकार्ड और बॉब नोयके से मिला और उनसे इस बुरी स्थिती के लिये क्षमा माँगी. मैं एक असफलता का प्रतीक था और मैंने 'सिलिकॉन वैली' से भाग जाने की भी सोच लिया था. लेकिन मेरे अंदर कुछ आलोकित हो रहा था, मैंने जो किया उससे मुझे प्यार था. एप्प्ल में जो कुछ हो रहा था उसमें कुछ भी नहीं बदला था. मुझे नकार दिया गया था लेकिन मैं उससे प्यार करता था. और मैंने सब कुछ फिर से शुरू करने की ठानी.

मैंने उस समय महसूस नहीं किया लेकिन एप्पल से मुझे निकाल दिया जाना मेरी जिन्दगी में घटित सबसे अच्छी घटना है, एक सफल इंसान होने का बोझ, अब एक नयी शुरूवात करने वाले का हल्का मन बन चुका था. इस घटना ने मुझे अपने जिन्दगी के सबसे क्रियाशील हिस्से में आने का अवसर दिया.

अगले 5 सालों में मैंने एक कम्पनी हृद्गङ्गञ्ज शुरू की, एक और कम्पनी 'पिक्सार' भी शुरू की. उसी समय एक प्यारी स्त्री के प्यार के गिरफ़्त में भी आ गया जो बाद में मेरी पत्नी बनी. पिक्सार ने विश्व की सबसे पहली कम्प्यूटर द्वारा एनीमेशन फीचर फिल्म 'टॉय स्टोरी' बनायी. आज पिक्सार विश्व का सबसे सफल एनीमेशन स्टूडियो है. परिस्थितियों में बदलाव कुछ ऐसे हुआ कि एप्प्ल ने हृद्गङ्गञ्ज को खरीद लिया, मैं एप्प्ल वापिस लौटा और जो तकनीक हमने हृद्गङ्गञ्ज में विकसित की आज एप्पल की तकनीक का हृदय है. और लारेंस और मेरा एक सुखी परिवार है.

मुझे पूरा विश्वास है कि यदि मुझे एप्पल से निकाला नहीं गया होता तो ये सब कुछ नहीं होता. वह एक कड़वी दवाई थी लेकिन मरीज को उसकी जरूरत होती है. यदि जिन्दगी आपके सर पर एक ईंट का प्रहार करे तो भी भरोसा ना छोड़ें. मुझे विश्वास है कि इकलौती चीज जो मुझे संघर्ष करने की प्रेरणा देती रही, वो था मेरा अपने किये गये कार्य से प्यार. आपको अपना प्यार पाना है, और यह आपके काम के लिये उतना ही सच है जितना आपके प्रेमी के लिये. आपका कार्य आपकी जिन्दगी का एक बड़ा हिस्सा बनने जा रहा है और अपने जीवन में संतोष पाने का इकलौता रास्ता है आपका सोचना कि जो काम मैं कर रहा हूँ वो सर्वोत्तम है. और एक सर्वोत्तम काम वह है जिससे आप प्यार करते है. यदि आपको अपना प्यार नहीं मिला, ढूंढते रहें – ढूंढते रहें. रुकें नहीं. वह आपको जब भी मिलेगा आपका दिल उसे पहचान लेगा . और एक अच्छे रिश्ते की तरह वह समय के साथ अच्छा, और अच्छा होते जाता है, तो ढूंढते रहिये, रूकें नहीं.

मेरी तीसरी कहानी है मौत के बारे में

जब मैं 17 वर्ष का था, मैंने कहीं पढ़ा था "यदि आप हर दिन को जिन्दगी के अंतिम दिन की तरह जीते हैं, किसी दिन आप जरूर सच होंगे". इसने मेरे मन पर गहरा प्रभाव डाला था और तब से पिछले 33 सालों से हर सुबह मैंने आईने में खुद को देखा है और पूछा है "यदि आज मेरी जिन्दगी का अंतिम दिन है तो मैं आज मैं करने जा रहा हु वह मैं करना चाहूँगा या नहीं ?" और जब मेरा उत्तर कुछ दिनों तक लगातार नकारात्मक आया है मुझे मालूम हो जाता है कि मुझे कुछ परिवर्तन की जरूरत है.

अपनी मृत्यु को याद रखना, वह सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसने मुझे जिन्दगी के हर बड़े चुनावों में मदद की है. क्योंकि लगभग सब कुछ , हर उम्मीद , गर्व या असफलता की शर्म का डर ये सब मौत के सामने मायने नहीं रखते, बच जाता है जो सच ए महत्वपूर्ण है. आप एक दिन मरने वाले हैं इसे याद रखना , आपको कुछ खो देने के डर के जाल में फंसने से बचाएगा. आप के पास खोने के लिये कुछ नहीं है, आप को अपने दिल की भावना का पालन नहीं करने के लिये कोई कारण नहीं है.
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एक साल पहले मुझे कैंसर होने का पता चला था. सुबह 7.30 बजे मेरी जांच हुई, और मेरे पित्ताशय में मैने ट्यूमर अच्छी तरह से दिख रहा था. मुझे पित्ताशय क्या होता है यह भी नहीं मालूम था. डाक्टर ने बताया कि इस तरह के कैंसर का कोई इलाज नहीं है और मुझे 3 से 6 महीने से ज्यादा जीने की उम्मीद नहीं रखना चाहिए. डाक्टर ने मुझे घर जा कर सभी काम व्यवस्थित करने की सलाह थी, जो उनकी भाषा में होता है मृत्यु की तैयारी करो. इसका मतलब होता है अपने बच्चों को आपके अगले 10 सालों की योजना को कुछ महीनों में बताना. इसका मतलब होता है कि सब कुछ व्यवस्थित कर देना जिससे आपके परिवार को परेशानी कम से कम हो. इसका मतलब था अलविदा कहना.

पूरे दिन मैं उस जांच के भय के साथ रहा. बाद में शाम को मेरी बॉयप्सी हुई,. उन लोगों ने में मेरे गले से एक एन्डोस्कोप, मेरे पेट में, मेरी आंतों तक पहुँचाया और मेरे पित्ताशय से सुई के द्वारा कुछ कोशिकायें निकाली. मैं बेहोश था, लेकिन मेरी पत्नी जो वहां पर थी, ने बताया कि जब डाक्टरों ने कोशिकाओं को सुक्ष्म्दर्शी से देखा और चीखना शुरू कर दिया. यह उन बिरले कैंसर में से एक था जो शल्यचिकित्सा से ठीक हो जाता है. मेरी शल्य चिकित्सा हुई और मैं अब अच्छा हूँ.

यह मौत से मेरा सबसे नजदीकी साक्षात्कार था, और आशा है इसका अनुभव अगले कुछ दशकों तक रहेगा. इस से गुजरने के बाद मैं आपसे कुछ ज्यादा विश्वास से कह सकता हूँ कि मौत एक उपयोगी लेकिन बौद्धिक विषय है.

कोई नहीं मरना चाहता. जो स्वर्ग जाना चाहते है वह भी वहां जाने के लिये मरना नहीं चाहते. लेकिन मौत एक ऐसा मंजिल है जिसे हर किसी को पहुँचना है. कोई बच नहीं पाया है. और ऐसा होना भी चाहिये, क्योंकि मौत जिंदगी का सबसे बडा आविष्कार है. वह जीवन का परिवर्तक है. वह पुराने को हटा, नये के लिये रास्ता बनाता है. आज आप नये है, लेकिन एक दिन - आज से ज्यादा दूर नहीं, आप बूढ़े हो जाएंगे और किनारे हटा दिये जाएंगे. नाटकीयता के लिये क्षमा चाहूँगा, लेकिन यही सच है.

आपके पास समय कम है, इसलिये किसी और की जिन्दगी जीने के लिये बर्बाद न करें. किसी और के विचारों के अनुसार जीने के जाल में न फँसें. किसी और की सोच का शोर आपकी अंतरात्मा की आवाज को दबा ना पाये. और, सबसे महत्वपूर्ण, आपके पास अपने दिल और अंतरात्मा के कहे का पालन करने का साहस होना चाहिये. वो किसी-तरह-से जानते है कि आप सच में क्या बनना चाहते हैं. बाकी सब, किसी महत्व का नहीं है.

जब मैं जवान था, एक अच्छा प्रकाशन था "व्होल अर्थ कैटेलाग", जो हमारी पीढ़ी के लिये बाइबिल था. वह यहां मेनलो पार्क से कुछ ही दूर रहने वाले स्टीवर्ट ब्राण्ड ने लिखा था, और उसे काव्यात्मक अंदाज में जीवन दिया था. यह 1960 के दशक के आखिर की बात है जब निजी कम्प्यूटर और डेस्कटॉप का प्रकाशन नहीं था. यह टाइपराटर, कैंची और पोलराईड कैमरों से बनी थी. उसे गूगल का पेपरबैक अंक कहा जा सकता है, 35 साल पहले, गूगल के आने से पहले. वह एक आदर्श था और अच्छी जानकारी से भरपूर था.

स्टीव और उनकी टीम ने "व्होल अर्थ कैटेलाग" के कई अंक प्रकाशित किये और जब वे थक गये तब उन्होंने उसका अंतिम अंक प्रकाशित किया. यह 1970 के दशक के मध्य की बात है जब मैं आपकी उम्र का था. उसके अंतिम अंक के पिछले कवर पर एक गांव के रास्ते का सुबह के समय का चित्र था, कुछ उस तरह का आपको पहाड़ों में देखने को जरूर मिलेगा यदि आप साहसी है और हिचहाइकिंग करते है. उसके नीचे लिखा था. "भूखे रहो, मूर्ख रहो" यह विदाई का संदेश था, क्योंकि उन्होने प्रकाशन बन्द कर दिया था. भूखे रहो, मूर्ख रहो और मैंने अपने लिये यही चाहा है और आपको भी यही शुभकामना देता हूँ

भूखे रहो, मूर्ख रहो – नए ज्ञान के लिए - भूखे रहो, मूर्ख रहो.

बुलंद हौसले वाले स्टीव जॉब्स

सनकी, जिद्दी, बड़बोला -पर बेमिसाल टेक्नोप्रिनर

ग्लोबल आईटी वर्ल्ड में स्टीव की पहचान सनकी, जिद्दी, बड़बोला और अहंकारी लीजेंड-टेक्नोप्रिनर की है, लेकिन स्टीव ने जैसे अकेले अपनी मंजिल तलाश की और उसकी राहों को तराशा, वह बेमिसाल है..

कम्प्यूटर्स के संस्थापक स्टीव जॉब्स को उनकी कुंआरी मां ने जन्म के तत्काल बाद इस शर्त के साथ एक निर्धन दंपति को सौंप दिया था कि वे उन्हें ग्रेजुएट बनाएंगे। गोद लेने वाले मां-पिता ने स्टीव जॉब्स को स्कूली शिक्षा के बाद पोर्टलैंड के एक महंगे रीड कॉलेज में दाखिला दिलवाया, पर किताबी ज्ञान को गैरजरूरी मानते हुए स्टीव जॉब्स ने छह माह में ही कॉलेज छोड़ दिया और कैलिग्राफी (अक्षर बनाने की कला) कोर्स ज्वाइन कर लिया। उन दिनों घर से दूर कोक की खाली बोतलें बेचकर स्टीव जॉब्स ने खाने के पैसे जुटाए, तो अच्छे व सस्ते खाने के लिए मीलों पैदल चलकर हरे कृष्णा मंदिर पहुंचे। ड्रग एडिक्ट्स की संगत में फंसकर वे नशा करने लगे, पर बहुत जल्दी संभल गए।

सन् 1974 में स्टीव जॉब्स की इलेक्ट्रिक हेकर स्टीव वोजिया से मुलाकात हुई, जिनके साथ सन् 1976 में उन्होंने घर के गैरेज में प्रिटेट सर्किट बोर्ड्स बनाने के लिए एप्पल कम्प्यूटर की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने पर्सनल कम्प्यूटर (एप्पल-1) व एप्पल-2 बनाए, जिन्हें दुनिया भर में पसंद किया गया। दिसंबर 1980 में स्टीव जॉब्स ने एप्पल कम्प्यूटर को पब्लिक लिमिटेड कंपनी बना दिया। मेकिनटोश (मेक) ने एप्पल को बड़ा ब्रेक दिया। माउस की मदद से क्रिएटिव डिवाइस की तरह काम करने वाला यह दुनिया का पहला पर्सनल कम्प्यूटर है। इसके सुंदर अक्षरों का रहस्य है स्टीव जॉब्स का कैलिग्राफी हुनर।

30 साल की उम्र में भाग्य ने स्टीव जॉब्स के पुरुषार्थ को फिर परखा। वे बोर्डरूम बैटल में हार गए और अपनी ही कंपनी से निकाल दिए गए। अपमान से आहत होकर उन्होंने सिलिकॉन वैली से पलायन करने की बजाय, साहस जुटाकर नई शुरुआत की। सन् 1985 में स्टीव जॉब्स ने नेक्स्ट की स्थापना की, जो सर्वत्र दिखने वाले दृश्य, क्लिकेबल ग्राफिक्स व ई-मेल में आडियो के लिए मशहूर हुई। वहीं उन्होंने पिक्सार एनिमेशन स्टूडियो के बैनर तले टॉयस्टोरी, बग्स ऑफिस हिट एनिमेशन फिल्में बनाईं।

सन् 1997 में एप्पल ने नेक्स्ट को खरीदा और स्टीव जॉब्स की सीईओ की हैसियत से वापसी हुई। दूसरी पारी में आईपोड (पोर्टेबल म्यूजिक प्लेयर), आई फोन (मल्टी परपज स्मार्ट फोन) और आईपेड (स्मार्ट फोन व लैपटॉप टेबलैट पीसी) के बाद हाल ही में आई क्लाउड जैसी डिवाइस बनाई। सन् 2009 में कैंसर से क्षतिग्रस्त लीवर ट्रांसप्लांट के बाद स्टीव जॉब्स ने कहा- मौत से मुलाकात हुई, तो मैंने जाना कि हमें जो समय मिला है, वह बहुत कम है। अत: हमेशा दिल की सुनें और वही करें, जो दिल कहे। 2क्1क् में फाइनेंशियल टाइम्स ने स्टीव को साल की खास शख्सियत घोषित किया।

एपल ने नोकिया को मात दी, ज्यादा स्मार्टफ़ोन बेंचे

 द्वारा ज़ैक एप्स्टीन 7 छ्वह्वद्य 22ठ्ठस्र, 2011 ड्डह्ल 12:58क्करू 2040किसके नीचे फाइल किया गया: एपल, नोकिया, मोबाइल फ़ोन, स्मार्टफ़ोन

उसको चाहे कुछ टेक पंडितों ने काफी कोसा हो, लेकिन एपल के आईफोन की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। फ़ाईनैनशल टाईम्स के अनुसार एपल ने पिछले क्वार्टर में 20.34 मिलियन आईफोन शिप किये थे, जो पिछले क्वार्टर के 18 .7 मिलियन से काफ़ी अधिक है। रोचक बात यह है कि इसी क्वार्टर में नोकिया ने 16.7 मिलियन फोन  शिप किये जो एपल से ही नहीं, बल्कि नोकिया के ही पिछले साल के 24.2 मिलियन के आंकड़े से काफ़ी कम है। एपल के पास इस समय केवल दो फ़ोन हैं – आईफ़ोन 4 और आईफ़ोन 3त्रस् – फिर भी वह कमी और मुनाफे के मामले में विश्व की सबसे ज्यादा फ़ोन बेचनेवाली कंपनी बन गया है। लेकिन यह पहली बार है कि एपल ने नोकिया से ज़्यादा फ़ोन बेंचे हैं। समय भी कैसे बदलता है।

एप्पल के बॉस ने लिया एक डॉलर

दुनिया की प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल के प्रमुख स्टीव जॉब्स पिछले तीन साल से केवल एक डॉलर सालाना वेतन ले रहे हैं.

स्टीव जॉब्स 1997 में एप्पल से दुबारा जुड़े थे और कंपनी के आईफोन, आईपैड तथा आईपॉड जैसे कई प्रमुख उत्पादों को लाने का श्रेय उन्हें जाता है. कंपनी ने सूचना में कहा है, ''जॉब्स का कुल वेतन एक डॉलर प्रति वर्ष है. जॉब्स को 2003 के बाद से कोई इक्विटी अवार्ड भी नहीं मिला है.'' जॉब्स ने 2008 तथा 2009 में भी एक डॉलर का वेतन लिया था.

वर्ष 2010 में जॉब्स को एक डॉलर वेतन के रूप में मिले, जबकि 2,48,000 डॉलर उन्हें निजी विमान के कारोबार उद्देश्य इस्तेमाल के लिए दिए गए.

उल्लेखनीय है कि एप्पल को बाजार पूंजीकरण के लिहाज से दुनिया की सबसे अधिक मूल्यवान कंपनी माना जाता है. नस्दक में सूचीबद्ध एप्पल का बाजार पूंजीकरण सात जनवरी, 2011 को 308 अरब डॉलर से अधिक अधिक रहा.

स्मार्टफोन, लैपटॉप चोरी होने से पहले उठाएं ये कदम

8:52 PM Posted by Unknown No comments


फोन, टैबलट या लैपटॉप चोरी होने या खोने पर बहुत नुकसान होता है।
जानिए कि अपने स्मार्टफोन और लैपटॉप के चोरी होने से पहले आपको क्या-क्या करना चाहिए...

विंडोज़ लैपटॉप के लिए
लोकेट माई लैपटॉप को locatemylaptop.com से फ्री डाउनलोड किया जा सकता है। यह गूगल मैप के जरिए लैपटॉप को लोकेट करता है। इसके अलावा www.lalarm.com पर एलअलार्म फ्री में पा सकते हैं। अगर लैपटॉप लॉक है और कोई पावर कॉर्ड या यूएसबी फ्लैश ड्राइव हटाता है तो अलार्म बजाता है। ज्यादा सिक्यॉरिटी के लिए सिस्टम पर फ्री सल्यूशन प्रे इंस्टॉल किया जा सकता है, जिसके बारे में हम आपको सबसे बाद में बताएंगे।

ऐपल के मैक लैपटॉप के लिए
ऐपल फाइंड माई मैक नाम का खुद का ऐंटि-थेफ्ट सल्यूशन देता है। जब भी यूजर आईक्लाउड अकाउंट में साइन-इन करता है, यह अपने आप चालू हो जाता है। इससे लैपटॉप को रिमोटली ट्रैक, डेटा डिलीट किया जा सकता है या अलार्म बजाया जा सकता है।

ऐंड्रॉयड
इसका खुद का ट्रैकिंग फीचर है, जिसको http://google.com/android/devicemanager से ऐक्सेस किया जा सकता है। यह यूजर के गूगल आईडी से अटैच्ड किसी भी ऐंड्रॉयड डिवाइस को ट्रैक कर सकता है। मैप पर लोकेशन देखी जा सकती है, उसे लॉक किया जा सकता है, डेटा डिलीट किया जा सकता है और रिंग की जा सकती है। इसके लिए एवीजी, अवास्त, कैस्परस्की या लुकआउट के फ्री ऐंटिवायरस ऐप भी चेक किए जा सकते हैं, जिनमें ऐसे ही फीचर्स हैं।

आईओएस
ऐपल अपने आईओएस डिवाइस के लिए खुद का ऐंटि-थेफ्ट ऐप फाइंड माई आईफोन देती है। इसका सेटअप बहुत आसान है और सिंगल ऐपल अकाउंट से सभी डिवाइस को मैनेज किया जा सकता है। आईक्लाउड अकाउंट में लॉग-इन करके किसी भी ब्राउजर से डिवाइस को लोकेट किया जा सकता है। इसके बाद उसे मेसेज भेजा जा सकता है, रिमोटली लॉक किया जा सकता है और डेटा डिलीट किया जा सकता है। यूज़र सिक्यॉरिटी या आईलॉस्टफाइंडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

ब्लैकबेरी
इसके ऐंटि-थेफ्ट सल्यूशन का नाम ब्लैकबेरी प्रोटेक्ट है। इसको ब्लैकबेरी अकाउंट से ब्लैकबेरी डिवाइस पर सेट किया जा सकता है। ऐक्टिव होने पर यह कॉन्टैक्ट, कैलंडर एंट्री और बुकमार्क्स का ऑटो बैकअप बना देता है। प्रोटेक्ट वेबसाइट पर लॉगइन करके डिवाइस की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। इसके बाद मेसेज सेंड किया जा सकता है, लॉक किया जा सकता है और डेटा डिलीट किया जा सकता है।

विंडोज़ फोन
इसके ऐंटि-थेफ्ट फीचर का नाम फाइंड माई फोन है। यूजर को http://windowsphone.com पर उसी विंडोज़ लाइव आईडी से साइन-इन करना होगा, जिससे वह स्मार्टफोन पर लॉगइन करता है। ब्राउज़र में एक मैप पर डिवाइस पर फोन की लोकेशन नजर आएगी। प्रिंटर कनेक्ट होने पर यह लोकेशन की हार्ड कॉपी प्रिंट कर सकता है। ब्राउजर से फोन पर तेज रिंग बजाई जा सकती है और समूचा डेटा डिलीट किया जा सकता है।

फ्री ट्रैकिंग सल्यूशन प्रे (prey)
इससे आसान ट्रैकिंग फसिलिटी आपको कहीं नहीं मिलेगी। यह दुनिया के हर कोने में काम करता है। कुछ ऐसी चीजें हैं, जो इसको सबसे अच्छा बनाती हैं। यह फ्री है, लेकिन इफेक्टिव है। इसमें लोकेशन और वेबकैम फोटो कैप्चर जैसे फीचर्स हैं। जरूरत पड़ने पर, डिवाइस चोरी हो जाने पर भी प्रो अकाउंट में अपग्रेड किया जा सकता है। यह झटपट इंस्टॉल हो जाता है और गैजट को स्लो भी नहीं करता। यह अकाउंट में लॉग-इन होने के बाद ऐक्टिवेट होता है और डिवाइस को मिसिंग करार देता है। फ्री अकाउंट से 3 डिवाइस तक कनेक्ट किया जा सकता है और यह मल्टिपल प्लैटफॉर्म सपोर्ट देता है।

सीडीरोम ड्राइव को लम्बे समय तक खराब होने से बचाएं

8:51 PM Posted by Unknown No comments

       आप यह सोच कर नया कंप्यूटर लेकर आये कि नया कंप्यूटर कुछ साल कोई समस्या पैदा नहीं करेगा और आमतौर पर कोई समस्या करता भी नहीं है. लेकिन एक चीज है जो कुछ महीनो में ही समस्या पैदा करने लग जाती है,वो है सीडी या डीवीडी रोम ड्राइव. इसमें कई तरह कि समस्या आने लग जाती है कभी भरी हुई सीडी को खाली बताती है कभी सीडी राईट करते समय बीच में जाकर रुक जाती है कभी नो डिस्क बताती है इस तरह कई समस्या आने लग जाती है और यही सीडी दोस्त के कंप्यूटर पर बिलकुल सही चलती है.फिर आप दुखी होकर नया सीडीरोम ड्राइव लगवाते हैं.लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि यह समस्या क्यों आती है?

मेरे कई दोस्तों को भी यही समस्या आई तो मैंने पुछा कि क्या आप सीडी को सीधे ही सीडीरोम ड्राइव से चलाते हैं तो उन सब का जवाब हाँ में था.सीडी को डायरेक्ट सीडीरोम ड्राइव पर चलाने से इसका हेड और लेंस बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं.

तो प्रिय पाठकों अगर आप अपने सीडीरोम को लम्बे समय तक खराब होने से बचाना चाहते हों तो कुछ बातों का ध्यान रखें. जब भी कंप्यूटर पर सीडी से मूवी देखनी हो या गाने सुनना हो या सोफ्टवेयर इन्स्टाल करना हो तो सीडी को सीधे ही सीडीरोम ड्राइव में ना चलायें बल्कि पहले अपनी हार्डडिस्क पर कॉपी करें फिर वहां से जो करना है करें.दूसरी बात अपने कंप्यूटर में स्क्रेच लगी हुई सीडी ना चलायें.अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपका सीडीरोम ड्राइव कई महीने नहीं बल्कि कई सालों तक कोई प्रॉब्लम नहीं करेगा.

मोबाइल के इंटरनेट को कंप्यूटर से जोड़े।

8:51 PM Posted by Unknown No comments



मोबाईल से कंप्यूटर पर इंटरनेट चलाना
 जब मोबाईल पर इन्टरनेट प्रारम्भ हो जाती हैं तो हम उस मोबाईल का उपयोग मोडेम की तरह करके उसे कंप्यूटर से भी जोड़ सकते हैं और कंप्यूटर पर भी इन्टरनेट का उपयोग कर सकते हैं. सबसे पहले हमें मोबाईल और कंप्यूटर में सम्बन्ध स्थापित करना होगा.
अगर तार के माद्यम से कर रहे है तो-

स्टेप एक – अगर कंप्यूटर में ओपरेटिंग सिस्टम विन्डोज़ एक्स० पी० हैं तो मोबाईल के साथ मिलने वाले सी० डी० को एक बार अपने कंप्यूटर में ऑटो रन करवाना होगा. चूकी जब हम कंप्यूटर में कोई नया हार्डवेयर को जोड़ते हैं तो कंप्यूटर को सॉफ्टवेयर की मदद से ये बतलाना होता हैं कि आखिर उस नए हार्डवेयर का काम क्या हैं और ये कैसे काम करेगा. इस सॉफ्टवेर को ड्राईवर सॉफ्टवेर कहा जाता हैं. और अगर कंप्यूटर में ओपरेटिंग सिस्टम विन्डोज़ सेवेन  हैं तो इसकी जरुरत नहीं होती क्यूँकि विन्डोज़ सेवेन में अधिकांश ड्राईवर सॉफ्टवेर पहले से डाला हुआ रहता हैं.
स्टेप दो- जब कंप्यूटर में एक बार सि०डी० चल जाता हैं तो कंप्यूटर को रिस्टार्ट कर देंगे और मोबाईल के साथ मिले तार का एक छोर कंप्यूटर में और दूसरा छोर मोबाईल में जोड़ कर हार्डवेयर अच्छे से जुड़ने का सन्देश आने का इंतजार करेंगे. अगर सब कुछ सही रहा तो नोटीफिकेशन बार (डेस्कटॉप कि एसी जगह जहाँ समय दिखता हैं) पर एक सन्देश आयेगा कि हार्डवेयर सही तरीके से जुड गया हैं और अब आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
इस दो स्टेप के करने से ही आपका मोबाईल कंप्यूटर से जुड़ जाता हैं. ऊपर का ये दोनों स्टेप सभी मोबाईल के लिए एक ही होता हैं परन्तु इससे आगे का काम अलग अलग मोबाईल में अलग अलग तरीके से होता हैं. सभी मोबाइल्स सॉफ्टवेयर में जो खास बातें ध्यान रखनी हैं वो हैं- हम मोबाईल जोड़ने के बाद उस मोबाईल सॉफ्टवेयर को खोल लेंगे उसके सेटिंग में जा कर हम जिस कम्पनी का सीम इस्तेमाल कर रहे हैं उसका APN और डायलअप नंबर डालेंगे. APN और डायलअप नंबर हमे उस सीम कम्पनी के ग्राहक सेवा केन्द्र से बात करने पर मिल जाएगा. इस प्रक्रिया के बाद इसी सॉफ्टवेयर से दुवारा इंटरनेट कनेक्ट किया जा सकता हैं.
 अगर ब्लूटूथ से कर रहे है तो-

स्टेप एक – पहले यह सुनिश्चित करना होता हैं कि कंप्यूटर और मोबाईल दोनों में  ब्लूटूथ हैं या नहीं.  ब्लूटूथ से जोड़ने के लिए दोनों में  ब्लूटूथ होना अतिआवश्यक होता हैं. अगर कंप्यूटर में  ब्लूटूथ में नहीं हैं तो बाजार से अलग से  ब्लूटूथ खरीदना होता हैं. और अगर मोबाईल में नहीं हैं तो फिर  ब्लूटूथ युक्त मोबाईल लेना होता हैं. अलग से लिए गए  ब्लूटूथ को कंप्यूटर में लगा कर एक बार उसका ड्राईवर सॉफ्टवेर कंप्यूटर में चलाना होगा. जब ये प्रक्रिया पूरी होती हैं तो नोटीफिकेशन बार पर एक आइकन बन जाएगा.
स्टेप दो- मोबाईल में  ब्लूटूथ को ओन् कर लेंगे. उसके बाद नोटीफिकेशन बार वाले  ब्लूटूथ आइकन को ओपन करके न्यू डिवाइस सर्च करेंगे. जब  ब्लूटूथ सॉफ्टवेर में मोबाईल का आइकन बन जायगा तब पैरिंग का काम करेंगे. इस प्रक्रिया में कंप्यूटर पर कोई अंक दबाना होता हैं फिर उसी अंक को मोबाईल पर दबाना होता हैं. इससे यह सुनिश्चित किया जाता हैं कि डाटा अदान प्रदान करने के लिए दोनों डिवाइस तेयार हैं या नहीं या कोई अन्य उपकरण तो दोनों के बीच में नहीं आ रहा. जब यह सम्पन होती हैं तो हम मोबाईल को सीरियल पोर्ट के तौर पर कांनेक्ट कर देंगे.
इस दो स्टेप के करने से ही आपका मोबाईल कंप्यूटर से जुड़ जाता हैं. फिर ब्लूटूथ आप्शन में डायलअप का इस्तेमाल करके इन्टरनेट प्रारम्भ किया जाता हैं.

माइक्रोमैक्स (Micromax) फोन का पैटर्न लॉक भूलने पर ऐसे करे Hard reset

8:51 PM Posted by Unknown 1 comment

माइक्रोमैक्स फ़ोन का पासवर्ड भूलने पर आसानी से हार्ड रिसेट करके खोल सकते ह लॉक लेकिन आपका सारा डेटा लॉस हो जायेगा। लेकिन आपका प्रॉब्लम सॉल्व हो जायेगा।
1) फोन को आॅफ करें।
2) पावर बटन के साथ वाॅल्यूम अप/वाॅल्यूम डाउन को प्रेस करें।
3) स्क्रीन पर रिकवरी मोड व फैक्ट्री मोड दिखाई देंगे। आप रिकवरी मोड का चुनाव करें।
4) इससे फोन रिबूट हो जाएगा। माइक्रोमैक्स फोन के हार्ड रिबूट का तरीका लगभग सभी फोन का एक होता है

महत्त्वपूर्ण एवं फ्री और काम के 7 ऑनलाइन PC सॉफ्टवेयर जो बनाये काम एकदम आसान।

8:50 PM Posted by Unknown No comments

       हर अच्छी चीज महंगी हो, यह जरूरी नहीं। सॉफ्टवेयर के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। यह सही है कि कुछ अच्छे और काम के सॉफ्टवेयर महंगे होते हैं, लेकिन सच यह भी है कि इंटरनेट की दुनिया में आपके काम के बहुत सारे सॉफ्टवेयर या ऐप एकदम फ्री उपलब्ध होते हैं।

prezi
       अपने दोस्त-यार के स्लाइड शो को देख कर जलन होती है, तो यह ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आपके लिए है। इसकी मदद से आप टेक्स्ट, इमेज, विडियो आदि को आप एक साथ प्रजेंट कर सकते हैं। चूंकि यह ऑनलाइन सर्विस है, तो खुद का फ्री अकाउंट बनाकर आप इंटरनेट से यूट्यूब क्लिप या इमेज को भी स्लाइड शो में डाल सकते हैं। यहां अपना ऑनलाइन बायो-डाटा भी शेयर कर सकते हैं।

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      म्यूजिक मेकिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर अब तक बहुत महंगे आते थे। साउंडेशन की मदद से अब आम इंसान भी खुद का म्यूजिक कंपोज कर सकता है। बस अपना फ्री अकाउंट बनाएं और आपको मिलेगा 100 एमबी स्टोरेज के साथ-साथ मिक्सर, इफेक्ट्स और 700 से भी ज्यादा लूप। बस कीजिए अपने डिजिटल ऑडियो वर्कस्टेशन से म्यूजिक कंपोज और बन जाइए प्रोफ़ेशनल!

picfull
       फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर की जानकारी नहीं है! इसलिए फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर अच्छी क्वॉलिटी की इमेज नहीं अपलोड कर पाते? पिकफुल आप जैसों के लिए ही है। इसके माध्यम से आप अपने फोटो को 20 से भी ज्यादा फोटो इफेक्ट्स से एडिट कर पाएंगे। बस अपने कंप्यूटर से मनचाहे फोटो को उठाएं और जो भी फिल्टर पसंद आए, उसका यूज करें। आप एडिटेड फोटो को डायरेक्ट यहां से ही मेल, फेसबुक या ट्विटर पर भी डाल सकते हैं।

primadesk
        इतने सारे मेल, सोशल साइट्स, ऑनलाइन सर्विसेज-डॉक्युमेंट्स! उफ्फ! कितना कठिन है न मैनेज करना! इससे भी अधिक दिक्कत होती है, इन सब के डेटा का बैक-अप रखने में। प्राइमडेस्क देता है आपको इस झंझट से मुक्ति। इसका फ्री अकाउंट 1 जीबी स्टोरेज की सुविधा तो देता ही है, साथ ही किसी भी 5 ऑनलाइन सर्विसेज के बैक-अप की आजादी भी देता है।

convertfiles
       विडियो है पर चल नहीं रहा है, ऑडियो है पर सुन नहीं पा रहे हैं। ऐसा तब होता है जब फाइल फॉर्मेट सपोर्ट नहीं करता। कंवर्ट फाइल्स एक ऐसी फ्री ऑनलाइन सर्विस है, जो ऑडियो, विडियो, डॉक्युमेंट्स, प्रजेंटेशन या आर्काइव फाइल्स को आपके मनचाहे फॉर्मेट में बदल देता है। कंवर्ट फाइल्स 335 फॉर्मेट कंवर्जन को सपोर्ट करता है।

netvibes
        पसंदीदा साइट्स को बुकमार्क करते तो हैं, लेकिन सब को देखने के लिए कितने टैब्स खोलें? यह एक समस्या है। नेटवाइब्स आपको इस झंझट से छुटकारा देता है। जो भी साइट आपको पसंद है, उसका आरएसएस लिंक दीजिए और उस साइट का विजेट तैयार! इसके अलावा आप टेक, स्पोर्ट्स, बिजनेस आदि का टैब भी बना सकते हैं और उसमें विजेट्स को कस्टमाइज कर सकते हैं।

ifttt
      इंस्टाग्राम फोटो को फ्लिकर और ड्रॉपबॉक्स में डाल कर बैक-अप बनाकर परेशान हैं? अगर हां, तो आइएफटीटीटी आपके लिए है। आपके बहुत सारे ऑनलाइन टास्क को यह ऑटोमैटिक करता है और आपका समय बचाता है।

बिना कम्प्यूटर एवं लैपटॉप के मोबाइल से बनाये। खुद की website free में।

8:49 PM Posted by Unknown No comments
दोस्तों। सबसे पहले आप ये तय करले की आप की रूचि किस विषय पर हैं। और आप किस मकसद से वेबसाइट बना चाहते है। वेबसाइट या ब्लॉग ज्यादातर बनाने वाले दो तरह के होते है एक वो जो अपने विचार लोगो से शेयर करते है।या अपने ज्ञान को लोगो से शेयर करते है दूसरा वो लोग है जो ब्लॉग या वेबसाइट से पैसा कमाना चाहते है। और या फिर अपनी कोई बिज़नस को प्रोमोट करना चाहते है।
मैं यहाँ पर स्टेप by स्टेप स्क्रीनशॉट के जरिये आपको ज्यादा आसान तरीके से बता रहा हु की कैसे आप भी अपनी खुद की वेबसाइट बना सकते है। तो दोस्तों मैं उदहारण के लिए अपने नाम का एक वेबसाइट बना रहा हु Brijesh Yadav के नाम से आप स्टेप फॉलो करे।
स्टेप1- सबसे पहले आप एक gmail की अकाउंट बनाये।
स्टेप 2- www.blogger.com पर जाये।
स्टेप 3- अपने gmai account से sign in करे।
स्टेप 4- अब स्क्रीनशॉट में दिखये अनुसार google+ profile पर क्लिक करे।
स्टेप 5- create profile पर क्लिक करे।

स्टेप 6- go to google+ पर क्लिक करें

स्टेप 7- अब वापस back जाये।

स्टेप 7- कंटीन्यू to blogger पर क्लिक करे।

स्टेप 8- create new पर क्लिक करे।

स्टेप 9- Title में website का नाम डाले।
नीचे address में अपने वेबसाइट का url डाले।जिस नाम से वेबसाइट बना रहे ह।

स्टेप 10- स्क्रीनशॉट में देखे। मैं title में अपना नाम लिखा और address में अपने नाम का यूआरएल डाला but ये यूआरएल available नही ह तो मैं अपने नाम के आगे कुछ और जोड़ देता हु। जैसे brijeshyadavblog  अब ये address available ह तो नीचे create blog पर क्लिक करे। 

स्टेप 11- अब ये ब्लॉग website आपकी ready हो गयी।है पोस्ट करने के लिए।आगे देखते ह कैसे पोस्ट करे।

post पर क्लिक करे।

ये new box ह यहाँ ऊपर आपको पोस्ट का title डालना हँ।

जैसा की मैंने डाला ह आप देख सकते ह screenshot में।

अब नीचे के बॉक्स में क्लिक करके कोई फ़ोटो पहले डालना चाहते ह तो।नीचे का स्क्रीनशॉट देखे।

जो मार्क मैंने बनाया ह उस पर क्लिक करे।

फिर ऐसा ओपन होगा मार्क किया हु उस पर क्लिक करे।

ये मेरे फ़ोन का गैलरी ओपन हुआ मै मार्क किया हु उस फ़ोटो पर क्लिक किया ओके।

अब फ़ोटो अपलोड हो रहा ह।

फ़ोटो अपलोड हो गया अब पहले फ़ोटो पर क्लिक करे फिर add सेलेक्ट पर क्लिक करे।

ये देखो आपका फ़ोटो add हो गया।

अब नीचे पोस्ट लिखे जैसा की मैंने लिखा है।

अब यहाँ पर क्लिक करके आप टैग कर सकते ह मतलब आपका पोस्ट किससे सम्बंधित हैं। अब आप ऊपर publice के button पर क्लिक करे। आपसे पूछेगा google+ पर शेयर करे तो ओके कर दीजिये।
                      
ये ह आपकी पोस्ट जहा पर ऐरो का निशान लगाया हु वह से आप edit veiw share delete कर सकते ह अपनी इस पोस्ट को।लेकिन अब आप veiw पर क्लिक करे।

veiw पर क्लिक करने पर ये ऊपर स्क्रीनशॉट में देखो ये ह आपका पोस्ट ।

अब वापस दूसरे पोस्ट के लिए पहले post पर क्लिक करे फिर new post पर क्लिक करे। ध्यान दे। 3 नं जो मार्क किया हु वो नया पेज बनाने के लिए है पोस्ट करने के लिए नही


ये ह आपकी वेबसाइट के सभी option

ये जो पोस्ट मैंने किया ह उस पर क्लिक करने पर ओपन हुवा ह।

ये नीचे का भाग ह जो पोस्ट मैंने ओपन किया है।
अगर किसी को कुछ पूछना हो तो आप कमेंट में लिख कर पूछ सकते है।
                          धन्यवाद।

फोल्डेर को पासवर्ड से सुरक्षित करे।

8:49 PM Posted by Unknown No comments

       हम में से अधिकांश उपयोगकर्ताओं के पास कुछ गोपनीय डेटा होता है, जीसे हम दुसरों से सुरक्षीत रखना चाहते है| इस ट्रिक्स के साथ आप विंडोज में एक पासवर्ड प्रोटेक्टेड फोल्डर बना सकते है|

यहाँ इस की प्रक्रिया है -
एक Notepad फाइल ओपन करे और नीचे दिए कोड को कॉपी करके पेस्ट करे|
इस नोटपॅड फाइल को lock.bat नाम से सेव्ह करे|
इस lock.bat फाइल को डबल क्लिक करे| अब आप को MyFolder नाम का एक नया फोल्डर यहां बना हुआ दिखाइ देगा|
आप को जो भी डेटा सुरक्षीत रखना है उसे इस फोल्डर में पेस्ट करें|
अब फिर सें lock.bat फाइल को डबल क्लिक करें, Command Prompt पर आयें मॅसेज में Y  टाईप करके Enter करें| तो यह MyFolder हाइड हो जाएगा|
इस फोल्डर को अॅक्सेस करनें के लिए जब आप lock.bat फाइल को डबल क्लिक करेंगे तो आपको वह पासवर्ड पूछेगा|
यहां डिफॉल्ट पासवर्ड abcd है, आप इसे बदल सकते है|
पासवर्ड बदलने के लिए lock.bat फाइल पर राइट क्लिक करें और Edit का विकल्प सिलेक्ट करें| अब यहां abcd के स्थान पर अपना पासवर्ड टाइप करें|

नोकिया लुमिया (Nokia Lumia) फ़ोन का पासवर्ड भूलने पर ऐसे करे Hard reset

8:48 PM Posted by Unknown No comments

यदि आप नोकिया विंडोज आधारित फोन पासवर्ड भूल गए हैं या फोन थोड़ी परेशानी कर रहा है तो इन आसान तरीको का इस्तेमाल कर हार्ड रिसेट कर सकते हैं।

1) पहले लुमिया 1020 को आॅफ करें।
2) वाॅल्यूम अप/डाउन के साथ पावर बटन प्रेस करें।
3) उसके बाद स्क्रीन पर रिबूट का आॅप्शन आएगा और क्लिक करने पर आपका रिसेट हो जाएगा।
सभी टच स्क्रीन फोन हार्ड रिबूट का तरीका लगभग एक जैसा है। कीपैड फोन में यह तरीका अलग हो सकता है। 

नोकिया आशा (Nokia Asha) फ़ोन का पासवर्ड भूलने पर ऐसे करे Hard reset

8:48 PM Posted by Unknown No comments

     अगर आप नोकिया का आशा मोबाइल use करते है तो कभी अगर कभी आप पासवर्ड भूल गए तो इन तरीको से हार्ड रिसेट करके अनलॉक कर सकते है। हार्ड रिसेट करने पर आपके फोन का सारा डेटा delete हो जायेगा।
1) सबसे पहले फोन को आॅफ करें
2) 8 के साथ 3 तथा काॅल बटन को एक साथ प्रेस करें।
3) कुछ समय इंतजार करें जब तक नोकिया लोगो स्क्रीन पर न आ जाए।
4) इसके बाद फोन हार्ड रिसेट हो जाएगा।

इसके अतिरिक्त आशा सीरीज में हार्ड रिसेट के लिए कुछ कोड का भी इस्तेमाल किया जाता है। जैसे आशा 200 में *#7370# टाइप करें, आशा 311 में 12345 टाइप कर हार्ड रिसेट कर सकते हैं। वहीं *#7370#  इस कोड के अतिरिक्त *#7380# भी टाइप कर सकते हैं।

जाने windows के default software और उनके अलग-अलग काम।

8:48 PM Posted by Unknown No comments



जब कंप्यूटर मे ओपरेटिंग सिस्टम के तौर पर विन्डोज़ को लोड किया जाता है तो उसके साथ काम करने के लिए आवश्यक सोफ्टवेयर खुद ब् खुद लोड हो जाता है वहीँ विन्डोज़ का आन्तरिक एप्लिकेशन (सोफ्टवेयर) कहलाता है और जो सोफ्टवेयर विंडोज के लोड हो जाने के बाद अलग से किसी अन्य माध्यम से कंप्यूटर मे डाला जाता हैं उसे बाह्य एप्लिकेशन (सोफ्टवेयर) कहा जाता हैं.
आन्तरिक एप्लिकेशन के उदाहरण के लिए

MS-PAINT*                      - इस एप्लिकेशन का उपयोग चित्र बनाने के लिए किया जाता हैं.

CALCULATOR*               – अंकीय जोड़-घटा करने के लिए कैलकुलेटर का उपयोग किया जाता हैं.

INTERNET EXPLORER*        – इंटरनेट पर काम करने के लिए इस सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता हैं.

WINDOWS MULTIMEDIA*     – गाना-विडियो सुनने और देखने के लिए इस सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता हैं.

WINDOWS MOVIE MAKER*    – विडियो मे कुछ फेर बदल करने के लिए या जोड़ने आदि के लिए इस सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता हैं.

NOTEPAD*                  – यह एक टेक्स्ट एडिटर प्रोग्राम होता हैं, अर्थात इसके अंतर्गत लिखने आदि का काम होता हैं. यह प्रोग्राम दिखाने मे जितना साधारण लगता है उससे बहुत ज्यादा शक्तिशाली प्रोग्राम होता है. एसा कोई भी कंप्यूटर भाषा जिसे कमपईल करने की आवश्कता नहीं होती उसे नोटपेड पर लिखा जा सकता है जैसे                  HTML – (Hyper Text Markup Language*)
WORDPAD*                                       – यह भी एक टेक्स्ट एडिटर प्रोग्राम है जिसके अंतर्गत हम कोई पत्र या शब्दों से संबन्धित किसी काम को सम्पादित कर सकते हैं. इसके प्रयोग से हम साधारण टाइप राइटर्स की तुलना मे कहीं अच्छे तरीके से लिखने का काम कर सकते है.

बाह्य एप्लिकेशन के उदाहरण के लिए
MS OFFICE*                                       – यह एक बहुत उपयोगी प्रोग्राम का बण्डल है जिसके अंतर्गत लिखनेवाला काम तो होता ही है साथ ही साथ स्प्रेडशीट्स और प्रेसेंटेशन का भी काम होता हैं. स्प्रेडशीट्स का मतलब हुआ एक प्रकार का व्यापारिक लिखा जोखा वाला काम और प्रेसेंटेशन का मतलब हुआ लिखे हुए काम को दूसरों के पास दिखलाने का तरीका.
OUTLOOK*           – इस सोफ्टवेयर का प्रयोग इंटरनेट से मेल भेजने या मंगवाने के लिए किया जाता हैं. इसमें एक बार मेल आने के बाद पुनः उसे पढ़ने के लिए इन्टरनेट कनेक्शन की अवश्यकता नहीं होती.


PHOTOSHOP*        – चित्र से सम्बंधित वृहत काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

COREL DRAW*        – लोगो डिजाइन से सम्बंधित काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

FLASH*              – चलंत चित्र (Animation) बनाने के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

PAGE MAKER*        – पत्र डिजाइन से सम्बंधित काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

.NET*                – स्वयं का अलग काम करने के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रोग्राम को बनाने के लिए से सम्बंधित काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

ORACLE       *             – डाटाबेस के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं. डाटाबेस का अर्थ हुआ एसी जगह जहाँ हम अपने डाटा को सुसज्जित तरीके से पुनः प्रयोग मे लाने के लिए रखते हैं. जैसे अगर हमे किसी विद्यार्थी का डाटा रखना है तो उससे जुड़ी बहुत सी जानकारी रखना होता है जैसे उसका नाम, क्लास, पिता का नाम, घर का पता इत्यादि.
नोट- जहां जहां * हैं उसका मतलब हैं की हम उसकी चर्चा आगे बहुत विस्तार से करेंगे.

कार्बन (Karbonn) फ़ोन का पैटर्न लॉक भूलने पर ऐसे करे Hard reset

8:47 PM Posted by Unknown No comments

          कार्बन मोबाइल फ़ोन का पैटर्न लॉक भूल जाने पर आप Hard reset करके लॉक खोल सकते है। Hard reset करने पर आपके फ़ोन का सारा डेटा delete हो जायेगा।
1) सबसे पहले मोबाइल पफोन की बैटरी को 100 प्रतिशत तक चार्ज करें।
2) मोबाइल फोन को आॅफ करें और वाॅल्यूम बटन व कंट्रोल को प्रेस करें।
3) कम से कम 10 से 15 सेकेंड के बाद आपको स्क्रीन पर रिकवरी मैन्यू दिखाई देगा।
4) वाॅल्यूम बटन के माध्यम से स्क्रोल आॅप्शन का उपयोग किया जा सकता है।
5) उसके बाद वाइप डाटा और फैक्टरी रिसेट आॅप्शन के बाद रिबूट नाॅउ आॅप्शन पर क्लिक करने के बाद आपका फोन हार्ड रिबूट हो जाएगा अर्थात फोन का पूरा डाटा डिलीट हो जाएगा।
6) मैन्यू से बाहर आने के लिए पावर बटन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कंप्यूटर से प्रोग्राम हटायें अलग तरीके से

8:47 PM Posted by Unknown No comments

     आप अपने कंप्यूटर से किसी भी प्रोग्राम को हटाने के लिए क्या करते हैं? जाहिर सी बात है कन्ट्रोल पेनल में जाकर add and remove programs में जाकर remove करते हैं. लेकिन हमारे कंप्यूटर में कुछ ऐसे प्रोग्राम भी होते हैं जो स्टार्ट मेनू के all programs में तो दिखाई देते हैं लेकिन add and remove programs में दिखाई नहीं देते. तो ऐसे प्रोग्राम को आप कंप्यूटर से कैसे हटायेंगे?

इस तरह के प्रोग्राम को हटाने के लिए सबसे पहले start फिर run में जाएँ.वहां टाइप करें c:/windows/installer फिर ओके कर दें.अब आपके सामने एक विंडो खुलेगी जिसमें आपके सभी प्रोग्राम्स के installer होंगे लेकिन आप उनको पहचान नहीं पाएंगे.इसके लिए आप माउस पॉइंटर को एक एक करके सभी installer के पास ले जाएँ वहां आपको प्रोग्राम का नाम नजर आ जायेगा.अब जिस प्रोग्राम को आप हटाना चाहते हैं उस पर राईट क्लिक करें फिर uninstall पर क्लिक करदें.आपका प्रोग्राम हट जाएगा.

ऐंड्रॉयड फोन पुराना, धीमा है? फोन न बदलें, नया लॉन्चर लें

8:47 PM Posted by Unknown No comments


ऐंड्रॉयड के साथ एक अच्छी बात यह है कि इसे आप जितना चाहें कस्टमाइज कर सकते हैं। अगर आपको कोई चीज पसंद नहीं है, तो उसे बदला जा सकता है। अपने डिवाइस को अपनी पसंद के मुताबिक बनाने का एक आसान तरीका लॉन्चर है। लॉन्चर्स धीमे डिवाइस की स्पीड बढ़ाने या फॉन्ट और आइकन बड़े करने जैसे काम भी कर सकते हैं।

टैबलट के लिए लॉन्चर
यह टैबलट पर बड़ा डिस्प्ले आइकन और विजेट्स को कस्टमाइज करने के लिए स्क्रीन पर काफी जगह देता है। आप ऐप ड्रॉर में रो/कॉलम की संख्या बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए फ्री आरयूआई लॉन्चर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो इंटेलिजेंट ऐप मैनेजमेंट ऑफर करता है। यह बजट टैबलट्स पर भी अच्छा काम करता है। आप फ्री गो लॉन्चर भी ट्राई कर सकते हैं, जो एक्स्ट्रा कस्टमाइजेशन की पेशकश करता है और हाई स्क्रीन रिजॉल्यूशन वाले टैबलट के लिए भी अच्छा है। अगर आप पैसा खर्च करने के लिए तैयार हैं, तो अपेक्स लॉन्चर प्रो, नोवा लॉन्चर प्राइम या केमेलियन लॉन्चर खरीद सकते हैं। ये तीनों बजट ऐंड्रॉयड टैबलट्स के लिए भी बेहतर हैं।

हर दिन नया लुक रखें
ज्यादातर लॉन्चर एक डिफॉल्ट थीम के साथ ही होते हैं, जबकि कुछ आपको उसी थीम में रंग बदलने की सुविधा देते हैं। हालांकि अगर आप भीड़ से अलग रहना चाहते हैं तो फ्री बज लॉन्चर या थीमर ट्राई करें। इनके साथ यूजर ऐप का इस्तेमाल कर खुद थीम तैयार कर सकते हैं। ये पूरी यूजर कम्यूनिटी के लिए भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं। आप हजारों थीम्स से अपनी पसंद चुन सकते हैं। इसके साथ ही ये इंस्टॉल्ड ऐप्स के स्मार्ट मैनेजमेंट की सुविधा भी देते हैं। यह ध्यान रखें कि प्रत्येक थीम को अलग से डाउनलोड करने की जरूरत होती है।

ऑटोमैटिक कैटिगराइजेशन
अगर आपके डिवाइस पर बड़ी संख्या में ऐप्स हैं और इन्हें संभालना आपके लिए मुश्किल हो रहा है, तो जिनलेमन का फ्री स्मार्ट लॉन्चर ट्राई करें। यह गेम्स, कम्यूनिकेशन, मीडिया, यूटिलिटी, सेटिंग्स और इंटरनेट कैटिगरीज में ऐप्स को सॉर्ट कर देता है और इससे उन्हें खोजना आसान हो जाता है। पहली बार लॉन्च करने पर यह आपसे म्यूजिक, गैलरी, कैमरा और ब्राउजर के लिए आपके पसंदीदा ऐप्स के बारे में पूछता है और इसके बाद इन्हें आसान पहुंच के लिए संबंधित आइकन्स में रख देता है। अगर आप होमस्क्रीन पर विजेट्स रखना चाहते हैं, तो आपको प्रो वर्जन खरीदना होगा। यह सेकंड होमस्क्रीन और अडिशनल ट्रांजिशन इफ्केट्स जोड़ देता है।

क्या आपका डिवाइस पुराना और धीमा है?
मार्केट में मॉडर्न फीचर्स और तेज स्पीड वाले बहुत से ऐंड्रॉयड डिवाइसेज उपलब्ध हैं, लेकिन इनके साथ ही यूजर्स के पास ऐसे बहुत से डिवाइसेज हैं, जिनका हार्डवेयर पुराना हो चुका है और जिनकी स्पीड काफी कम है। इनके लिए फ्री लॉन्चर प्रो का इस्तेमाल करें। यह विशेष तौर पर पुराने डिवाइस के लिए डिजाइन किया गया है और सिंगल कोर प्रोसेसर वाले डिवाइस पर भी अच्छा काम करता है। हालांकि, इसके साथ आपको बहुत अधिक फीचर्स या कस्टमाइजेशन के ऑप्शंस नहीं मिलते। इसका पेड वर्जन भी है, लेकिन इसे खरीदना समझदारी नहीं होगी, क्योंकि यह लगभग फ्री वर्जन जैसा ही है।

हमारी सलाह और बेस्ट ऑल-राउंडर
अगर आप फास्ट और बेहतर लॉन्चर की तलाश में हैं, तो लाखों थीम पर ध्यान न दें। आपके लिए नोवा बेहतर रहेगा। इसका फ्री वर्जन फोन और टैबलट, दोनों पर शानदार चलता है। इसका प्रीमियम प्राइम वर्जन भी है, जो जेस्चर कंट्रोल, ऐप ड्रॉर में फोल्डर्स और कम इस्तेमाल होने वाले ऐप्स को छिपाने जैसे फीचर्स के साथ आता है। यह आपके डिवाइस की स्पीड बढ़ाने और सभी गैर-जरूरी ऐनिमेशंस हटाने का शायद सबसे तेज तरीका है। अगर आपको यह पसंद नहीं आता, तो आप लाइटनिंग लॉन्चर ट्राई कर सकते हैं। यह मेमरी का कम इस्तेमाल करता है और इसका एक अनूठा फीचर डेस्कटॉप है, जो ऊपर, नीचे और दायें, बायें स्क्रॉल करता है। इससे आप अपने सबसे अधिक इस्तेमाल वाले ऐप्स और विजेट्स सभी दिशाओं में रख सकते हैं।

बड़ी उम्र और दिखने में परेशानी वाले लोगों के लिए
ऐवरेज ऐंड्रॉयड डिवाइस बड़े होते जा रहे हैं और एक स्क्रीन में इन्फर्मेशन भी बढ़ रही है। इस कारण सीनियर सिटीजंस और ऐसे लोगों के लिए इनका इस्तेमाल मुश्किल हो जाता है, जिन्हें कम दिखाई देता है। ऐंड्रॉयड इंटरफेस में आइकन और फॉन्ट साइज बढ़ाने के लिए कुछ ऑप्शंस हैं, लेकिन आप बहुत कम अजस्टमेंट कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको बिग लॉन्चर की जरूरत होगी। यह आपको न केवल बड़े और आसानी से पढ़े जाने वाले आइकन देता है, बल्कि ऐंड्रॉयड का इस्तेमाल भी आसान बनाता है। इसमें हाई-कंट्रास्ट कलर थीम्स के साथ ही नई थीम्स हासिल करने की क्षमता भी है। यह ऐंड्रॉयड 2.1 या इसके बाद वाले वर्जन के साथ काम करता है। लॉन्चर काफी महंगा है और इस वजह से आप इसे खरीदने से पहले इसके फ्री डेमो वर्जन को ट्राई कर सकते हैं।

आ गया LiFi टेक्नोलॉजी WiFi से 100 गुना तेज स्पीड HD फ़िल्म एक सेकंड में होगा download।

8:45 PM Posted by Unknown No comments

     आप कल्पना कर सकते हैं कि एक सेकेंड में तीन घंटे की मूवी डाउनलोड हो जाए! तो जनाब चौंकिए नहीं, जल्द यह सच होने वाला है. यह काम वाई-फाई नहीं बल्कि एक नई तकनीकी लाई-फाई से संभव होगा. एक ऐसी तकनीकी जो स्पीड के मामले में वाई-फाई से भी सौ गुना ज्यादा तेज होगी. इस लाई-फाई तकनीक का हाल ही में परीक्षण किया गया है और माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में यह इंटरनेट की दुनिया का नक्शा बदलकर रख देगा. आइए जानें क्या है लाई-फाई और यह कैसे काम करता है.

क्या है लाई-फाई

लाई-फाई एक ऐसी वायरलेस ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी है जो डेटा भेजने के लिए एलईडी का इस्तेमाल करती है और आज के वाई-फाई की तुलना में सौ गुना तेज स्पीड से काम करती है. इस तकनीक में डेटा विजिबल लाइट कम्युनिकेशन (वीएलसी) द्वारा ट्रांसफर होता है. नेटवर्क्स के बीच डेटा एलईडी लाइट्स से भेजा जाता है.

यह डेटा ट्रांसफर करने की एक नई तकनीक है और इसके लिए एक विद्युत के स्रोत, जैसे कि एक स्टैंडर्ड एलईडी बल्ब, एक इंटरनेट कनेक्शन और एक फोटो डिटेक्टर की जरूरत होती है. डेटा भेजने के लिए लाइट का प्रयोग कोई नया नहीं है. 1880 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (टेलीफोन के आविष्कारक) ने ऑडियो ट्रांसमिशन के लिए विजिबल लाइट का प्रयोग किया था. इस हफ्ते इसका एस्तोनिया के टालिन शहर में वेलमेनी नामक स्टार्ट-अप द्वारा परीक्षण किया गया. इस परीक्षण में लाई-फाई युक्त विद्युत बल्ब से 1 Gbps स्पीड से डेटा का ट्रांसफर किया गया. सैद्धांतिक तौर पर इसकी स्पीड 224 Gbps तक हो सकती है. इस तकनीक का परीक्षण एक ऑफिस में किया गया ताकि कर्मचारियों को इंटरनेट का ऐक्सेस मिल सके और साथ ही एक औद्योगिक क्षेत्र में भी किया गया, जहां इसने स्मार्ट लाइटिंग सॉल्यूशन उपलब्ध करवाया.

खास बात ये है कि इस स्टार्ट-अप की स्थापना एक भारतीय दीपक सोलंकी ने की है. सोलंकी ने बताया कि उनकी कंपनी वेलमेनी भले ही एस्तोनिया में रजिस्टर्ड है लेकिन उनकी पूरी टीम भारतीय है. दीपक का कहना है कि तीन से चार साल के अंदर यह तकनीक आम उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगी.

लाई-फाई तकनीक की खोज एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेरल्ड हास ने की थी, जिन्होंने 2011 में Ted (टेक्नोलॉजी, एंटरटेंमेंट और डिजाइन) कॉन्फ्रेंस में पहली बार इस टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया था. उनके लाई-फाई से जुड़ी बातों के वीडियो को अब तक 20 लाख से ज्यादा बार देखा चुका हैं. इसमें प्रोफेसर हास ने उस भविष्य के बारे में बताया है जहां अरबों लाइट बल्ब वायरसेल हॉटस्पॉट बन सकते हैं.

लाई-फाई तकनीक का एक बड़ा फायदा यह है कि यह वाई-फाई की तरह दूसरे रेडियो सिग्नल के लिए अवरोध नहीं बनता है. इसलिए इसका इस्तेमाल हवाई जहाज जैसी उन जगहों पर किया जा सकता है जहां रेडियो सिग्नल में अवरोध की समस्या आती है. साथ ही वाई-फाई के लिए काम आने वाले रेडियो तरंगों की स्पेक्ट्रम की उपलब्धता कम है जबकि लाई-फाई के लिए इस्तेमाल होने वाले विजिबल लाइट स्पेक्ट्रम की उपलब्धता 10 हजार गुना ज्यादा है, जिसका मतलब है कि इसके निकट भविष्य में खत्म होने की संभावना काफी कम है.

लेकिन इस टेकनोलॉजी की कुछ कमियां भी हैं, जैसे इसे घर के बाहर धूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि सूर्य की किरणें इसके सिग्नल में बाधा उत्पन्न करती हैं. साथ ही इस टेक्नोलॉजी को दीवार के आर-पार प्रयोग किया जा सकता है इसलिए शुरुआत में इसे वाई-फाई के पूरक के तौर पर सीमित तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. खासकर अस्पतालों या संकरे शहरी इलाकों, जहां वाई-फाई का प्रयोग सुरक्षित नहीं है, वहां भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

अब बिना इंटरनेट के करें google Search

8:45 PM Posted by Unknown No comments

     अगर आपसे बिना इंटरनेट के गूगल सर्च करने को कहा जाएं तो आप क्‍या करेंगे। शायद ये सवाल पूछने वाले को ऊपर से नीचे तक घूरेंगे लेकिन दोस्‍तों बिना इंटरनेट के आप गूगल सर्च कर सकते हैं।

बस इसके लिए आपके पास एक मोबाइल फोन होना चाहिए। अगर आपको ध्‍यान हो तो जब भी हम ट्रैन की बुकिंग या फिर टिकट कंफर्मेशन के बारे में पता करना चाहते हैं तो इसके लिए फोन से एक एसएमएस करते हैं इसी तरह गूगल सर्च के लिए बस आपको अपने फोन से 09-77-33-00000 नंबर पर एक एसएमएस करना होगा।

उदाहरण के लिए अगर आपको अपने शहर में बैंक और रेलवे स्‍टेशन के बारे में पता करना हैं तो मैसेज में जाकर जगह के नाम के साथ एटीएम सर्च लिखें, और 09-77-33-00000 नंबर पर सेंड कर दें मैसेज सेंड करने के बाद आपके मोबाइल में एटीएम की लोकेशन और मोबाइल में सर्च करने का लिंक दोनों आ जाएंगे। इसी तरह से आप कुछ भी सर्च कर सकते हैं

अपने मोबाइल फोन को बनाइये अपना माउस।

8:44 PM Posted by Unknown No comments

      अलग से माउस कैरी करना मुसीबत लगता है? तो आप अपने मोबाइल फोन को ही माउस की तरह यूज कर सकते हैं।

जी हां, रिमोट माउस नाम के ऐप के जरिये आप अपने आईफोन या ऐंड्रॉयड फोन को एक माउस में तब्दील कर सकते हैं। यानी अपने मोबाइल फोन से अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप को कंट्रोल कर सकते हैं।

इसके लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। इस ऐप को अपने फोन में इन्स्टॉल करें। ऐप को डाउनलोड करने के बाद www.remotemouse.net पर जाएं और अपने लैपटॉप/मैक/डेस्कटॉप पर रिमोट माउस सर्वर इन्स्टॉल करें और एक ही वाई-फाई नेटवर्क से अपने लैपटॉप और फोन को कनेक्ट करें। जब मोबाइल ऐप आपका कम्प्यूटर स्कैन कर ले, तो उसे कनेक्ट कर लें। बस, हो गया।

इसके अलावा भी रिमोट माउस ऐप्स कई सारे फीचर्स देता है। आप न सिर्फ इस ऐप के जरिये अपने फोन को माउस में, बल्कि टचपैड या की-बोर्ड में भी बदल सकते हैं। इस ऐप के जरिये आप फोन को रिमोट की तरह यूज करते हुए कम्प्यूटर या लैपटॉप पर विडियो भी प्ले/पॉज़/रिवाइंड/फॉरवर्ड कर सकते हैं।

www.remotemouse.net पर जाकर आप इस ऐप को अपने ऐंड्रॉयड या आईओएस डिवाइस के लिए डाउनलोड कर सकते हैं।

अपने पीसी पर चलाइए मोबाइल ऐप्स।

8:44 PM Posted by Unknown No comments


कभी कम्प्यूटर पर काम करते वक्त मोबाइल पर कोई पिंग आ जाए तो कितनी कोफ्त होती है न! फोन उठाओ उसे खोलो फिर रिप्लाई करो। तब लगता है कि काश... ये ऐप्स भी कम्प्यूटर पर इन्स्टॉल हो सकते।

ऐसा हो सकता है! वॉट्सैप, वाइबर, किक मेसेंजर, काकाओ टॉक, लाइन, ब्लैकबरी मेसेंजर और ऐसे ही कई मोबाइल ऐप्स को आप अपने कम्प्यूटर पर भी चला सकते हैं। यहां तक कि ऐंड्रॉयड गेम्स को भी। इसके लिए एक खास ट्रिक है जिसके लिए आपका ज्यादा टेक सैवी होना भी जरूरी नहीं है।

ब्लूस्टैक्स इन्स्टॉल करें: ब्लूस्टैक्स एक ऐंड्रॉयड एम्युलेटर है। संक्षेप में कहें तो ऐंड्रॉयड ऐप्स को विंडोज पर चलाने का यह बेस्ट तरीका है।

पहले ब्लूस्टैक्स को अपने विंडोज पीसी पर इन्स्टॉल करें। इन्सटॉल हो जाने पर ब्लूस्टैक्स ऐप प्लेयर स्क्रीन के बाएं कोने में ऊपर की तरफ बने सर्च आइकन पर क्लिक करें और वह मोबाइल ऐप चुनें जो आप यूज करना चाहते हैं।

ऐप के आइकन पर क्लिक करें। ब्लूस्टैक्स ऐप इन्स्टॉल करने से पहले आपसे एक गूगल अकाउंट सेटअप करने को कहेगा। आप अपने गूगल अकाउंट से साइन-इन भी कर सकते हैं और नया अकाउंट भी बना सकते हैं। ब्लूस्टैक्स को अपने गूगल अकाउंट से लिंक कर अपनी डिवाइस पर ऐप्स डाउनलोड करें।

ऐप इन्स्टॉल करें: ऐप को डाउनलोड कर वैसे ही अपने पीसी पर इन्स्टॉल करें जैसे मोबाइल पर करते हैं। ऐप इन्स्टॉल हो जाए तो ब्लूस्टैक्स ऐप प्लेयर विंडो पर नीचे की तरफ बने होम बटन पर क्लिक करें। विंडो में सबसे ऊपर आपको नई इन्स्टॉल्ड ऐप मिलेगी। अगर न दिखे तो सीधे हाथ की तरफ बने ऑल ऐप्स बटन को क्लिक करें।

ऐप सेट अप करें: अब अपने ऐप को ठीक उसी तरह सेट अप करें जैसे आप मोबाइल पर करते हैं। उदाहरण के लिए वॉट्सऐप को लेते हैं। सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर डालें और आगे बढ़ें। अगर मोबाइल नहीं है तो यहां आप लैंडलाइन फोन नम्बर भी डाल सकते हैं।

5 मिनट में आपके पास एसएमएस आएगा। वॉट्सऐप की तरफ से आपको रजिस्टर किये गए नंबर पर एक कॉल आएगी। उसे रिसीव करें और दूसरी तरफ से बताए गए कन्फर्मेशन कोड को वॉटसऐप विंडो में डालें। इसके बाद यह आपके पीसी से ठीक वैसे ही काम करने लगेगा जैसे आपके फोन से करता है।

ध्यान देने वाली बात ये है कि ये ऐप्स मोबाइल के लिए बने हैं, कम्प्यूटर के लिए नहीं इसलिए कभी भी कोई भी दिक्कत आ सकती है। खासकर जब आप ऐप का इस्तेमाल फोन और कम्प्यूटर दोनों से करेंगे तो दिक्कत होने की संभावना ज्यादा है। इन्हें एक ही डिवाइस से ऑपरेट करने की कोशिश करें।

कितने ऐप्स चलेंगे: आप जितने चाहें उतने ऐप्स इन्स्टॉल कर सकते हैं। वे सब ब्लूस्टैक्स ऐप प्लेयर विंडो पर ही चलेंगे। इसकी मदद से आप वे सभी ऐप्स इस्तेमाल कर सकते हैं जो विंडोज 8 टैबलेट पर नहीं हैं। आप कई मजेदार ऐंड्रॉयड गेम्स को भी इसकी मदद से अपने पीसी पर खेल सकते हैं।

अपने कंप्यूटर के बारे में और अधिक कैसे जाने।

8:43 PM Posted by Unknown No comments


क्या आप अपने कंप्यूटर के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं ?
यदि हाँ,
तो नीचे बताये गए आसान तरीके से आप अपने कंप्यूटर के बारे में और अधिक जान सकते हैं

जैसे System,Display,Sound,Music,Input,Network आदि के बारे में

Computer Configuration देखने के लिए आप
>Run में जाएँ
>dxdiag टाइप करें

अगर माउस अचानक खराब हो जाये तो.....

8:42 PM Posted by Unknown No comments

      Mouse आपके Computer का Remote Control जिसके बगैर Computer की कल्‍पना करना अभी तक तो असंभव है। हालांकि Touch Screen Computer बाजार में आ गये हैं लेकिन उनमें भी बहुत से काम करने के लिये Mouse की जरूरत पडती ही है। इससे Operating System पर काम करना बहुत आसान हो जाता है। फिर चाहे वह windows xp , windows 7 या फिर windows 8  ही क्‍यू न हो। इसी छोटे से Mouse की जरूरत पडती है। लेकिन अगर यह Mouse  अचानक खराब हो जाये तो..... तो कोई बात नहीं आप कुछ समय से लिये अपने keyboard से भ्‍ाी अपने mouse के cuesor को चला सकते हैं। आईये जानते हैं कैसे -
    Control Panel को open कीजिये।
    Ease of Access Center या Accessibility Options को open कीजिये।
    Make the mouse easier to use पर Click कीजिये।
    Control the mouse with the keybord पर जाईये अौर turn on mouse key पर check लगाईये।
    Apply पर click कीजिये।
    आप Keybord से shortcut key Alt + Left Shift + Numlock को दबाकर भी enable कर सकते हो।