अगर इंटरनेट की दुनिया में गुमनाम रहकर सैर करना चाहते हैं, तो आपके
लिए है एफ-सिक्योर का फ्रीडोम ऐप। ये आपको कंपनी के एफ-सिक्योर क्लाउड के
जरिये इंटरनेट से कनेक्ट करता है।
इसके अलावा आप इसमें आई-पी एड्रेस छिपाने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसमें आप अपनी वर्चुअल लोकेशन को यूके, यूएस, फिनलैंड, जर्मनी और स्वीडन रख सकते हैं ।
ऐसा करने से उन ऑनलाइन सर्विसेज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो आपकी होम कंट्री से बाहर के लिए उपलब्ध नहीं हैं।जब आप इंटरनेट से जुड़ते हैं, उस वक्त आपका डिवाइस यूनिक आइपी एड्रेस इस्तेमाल करता है। लेकिन यह नया ऐप 'फ्रीडम' आपके आइपी को छिपा सकता है और एफ-सिक्योर क्लाउड के तहत सुरक्षित आप अनाम हो गुप्त रूप से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यूजर्स के ट्रैफिक या यूजर का नाम, कॉन्टेक्ट डिटेल सभी एफ-सिक्योर लॉग नहीं करेगा।
कंपनी का कहना है कि कनेक्शन की सुरक्षा के साथ, कहीं भी जाने पर सरकारी अधिकारी और नियमित यूजर गुप्त रूप से इंटरनेट सर्फिंग कर सकते हैं। वाई-फाई इस्तेमाल के समय भी यूजर का ट्रैफिक कोड में रहेगा जिससे कोई भी कम्यूनिकेशन को निकाल नहीं सकता है।
यह ऐप आपको वायरस, नुकसानदायक साइट्स और ट्रैकर्स के बारे में भी जानकारी देता है।
इसके अलावा आप इसमें आई-पी एड्रेस छिपाने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसमें आप अपनी वर्चुअल लोकेशन को यूके, यूएस, फिनलैंड, जर्मनी और स्वीडन रख सकते हैं ।
ऐसा करने से उन ऑनलाइन सर्विसेज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो आपकी होम कंट्री से बाहर के लिए उपलब्ध नहीं हैं।जब आप इंटरनेट से जुड़ते हैं, उस वक्त आपका डिवाइस यूनिक आइपी एड्रेस इस्तेमाल करता है। लेकिन यह नया ऐप 'फ्रीडम' आपके आइपी को छिपा सकता है और एफ-सिक्योर क्लाउड के तहत सुरक्षित आप अनाम हो गुप्त रूप से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यूजर्स के ट्रैफिक या यूजर का नाम, कॉन्टेक्ट डिटेल सभी एफ-सिक्योर लॉग नहीं करेगा।
कंपनी का कहना है कि कनेक्शन की सुरक्षा के साथ, कहीं भी जाने पर सरकारी अधिकारी और नियमित यूजर गुप्त रूप से इंटरनेट सर्फिंग कर सकते हैं। वाई-फाई इस्तेमाल के समय भी यूजर का ट्रैफिक कोड में रहेगा जिससे कोई भी कम्यूनिकेशन को निकाल नहीं सकता है।
यह ऐप आपको वायरस, नुकसानदायक साइट्स और ट्रैकर्स के बारे में भी जानकारी देता है।
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