Saturday, March 5, 2016

स्वयं और सर्व की खुशहाली के लिए सामूहिक योग

8:10 PM Posted by Unknown No comments
विश्वकल्याण के लिए योग

हिंदी भाषा के कुछ ब्लॉग पढ़ते हुए, एक "सर्वाधिक गहरा रहस्य" नाम के ब्लॉग आर्टिकल पर आना हुआ | लेख की शुरुआत "आकर्षण के नियम" विषय से हुई, तो उसके बारे में कुछ और जानने की जिज्ञासावश पूरा लेख पढने का निश्चय किया |

लेख निम्न प्रश्न से प्रारंभ हुआ
हम में से अधिकांश ने आकर्षण के नियम के विषय में पढ़ा है और अधिकतर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक होंगे कि क्या यह वास्तव में सच है| क्या यह वास्तव में संभव है कि मात्र सोचने से ही आप संपत्ति, प्रेम तथा शांति को आकर्षित कर सकते हैं। संभवतः नहीं? इसमें कोई संदेह नहीं कि हर कार्य का प्रारंभ विचार से ही होता है परंतु सपनों की पूर्ती के लिए कर्म अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। ऐसा कहने के उपरांत भी, ऐसे लाखों व्यक्ति हैं जो अपने जीवन में परिवर्तन लाने के विषय में विचार करते हैं, प्रार्थना करते हैं तथा दृढ़ परिश्रम भी करते हैं, फिर भी उनके जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आता। ऐसा क्यों है कि आप के सर्वश्रेष्ठ प्रयत्न करने पर भी परिस्थितियां नहीं बदलतीं?

इसके बाद इसमें एक गहरे प्राकृतिक आकर्षण के रहस्य  का खुलासा किया गया कि कैसे हम सम्पूर्ण मानवता का ध्यान किसी एक विषय मात्र पर आकर्षित कर सकते है, और कैसे उससे स्वयं और सर्व के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त कर सकते है |

इसके बाद इस वैज्ञानिक और प्रकृति के आकर्षण के नियम पर आधारित विश्व शांति और कल्याण के एक आन्दोलन की परिकल्पना सामने रखी गयी, जिसमे विश्व भर से लोग सामूहिक योग से कैसे विश्व परिवर्तन का कार्य कर सकते है|

लेख को कुछ इन शब्दों के साथ पूरा किया गया
सभी मनुष्य एक दूसरों से जुड़े हुए हैं और एक दूसरों पर निर्भर हैं। प्रत्येक के विचार एवं कार्य का किसी और पर प्रभाव होता है। हम सामूहिक ध्यान की इस शक्ति और अंतर्दृष्टि का प्रयोग एक महान परिवर्तन लाने में कर सकते हैं।

पूरा लेख यहाँ पढ़ें
>> http://hindi.omswami.com/2015/07/blog-post_4.html 

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